नई दिल्ली, 7 अक्टूबर:
देश के रेल नेटवर्क को नई रफ्तार मिलने वाली है! आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने कुल ₹24,634 करोड़ की लागत से चार बड़ी मल्टी-ट्रैकिंग रेल परियोजनाओं को हरी झंडी दे दी है। इन परियोजनाओं से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 18 जिलों को सीधा फायदा होगा और रेलवे नेटवर्क में करीब 894 किलोमीटर की नई लाइनें जुड़ जाएँगी।
कौन-कौन सी हैं ये परियोजनाएँ
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भुसावल–वर्धा सेक्शन में तीसरी और चौथी लाइन (लंबाई – 744 किमी)
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लागत: ₹9,197 करोड़
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निर्माण अवधि: 5 वर्ष
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गोंदिया–डोंगरगढ़ चौथी लाइन (लंबाई – 98 किमी)
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लागत: ₹2,223 करोड़
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निर्माण अवधि: 5 वर्ष
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वडोदरा–रतलाम सेक्शन में तीसरी और चौथी लाइन (लंबाई – 513 किमी)
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लागत: ₹8,885 करोड़
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राज्यों को लाभ: गुजरात और मध्य प्रदेश
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इटारसी–भोपाल–बीना चौथी लाइन (लंबाई – 264 किमी)
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लागत: ₹4,329 करोड़
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3,600 से अधिक गाँव होंगे लाभान्वित
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन परियोजनाओं की कुल लंबाई 1,619 किलोमीटर है, जिससे देश के करीब 3,633 गाँवों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा।
उद्योग और परिवहन को नई दिशा
श्री वैष्णव ने कहा कि ये मार्ग देश के औद्योगिक विकास की रीढ़ साबित होंगे। इन ट्रैकों से कोयला, सीमेंट, फ्लाई ऐश, खाद्यान्न, इस्पात और कंटेनर माल के परिवहन में तेज़ी आएगी, जिससे भारतीय रेलवे की माल ढुलाई क्षमता कई गुना बढ़ेगी।
रेलवे नेटवर्क को “मेक इन इंडिया” की ताकत
सरकार का लक्ष्य इन परियोजनाओं के माध्यम से देश के लॉजिस्टिक सेक्टर को सशक्त करना और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को रफ्तार देना है। साथ ही, यह कदम पर्यावरण-अनुकूल, ईंधन-कुशल और सतत परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
