नई दिल्ली। फैज़ान ख़ान
भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को ज़िम्मेदारी और पारदर्शिता के साथ अपनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। देश के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद ने ‘कृषि और लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए एआई प्लेबुक’ और ‘एआई सैंडबॉक्स श्वेत पत्र’ लॉन्च किया है।
इन दोनों दस्तावेज़ों का उद्देश्य भारत में एआई के उपयोग को तेज़ी से बढ़ाना है — खासकर उन क्षेत्रों में, जो देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं: कृषि और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग।
🔹 क्या है इनकी अहमियत?
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‘एआई प्लेबुक’ में कृषि और एमएसएमई सेक्टर के लिए एआई को अपनाने का व्यावहारिक रोडमैप दिया गया है।
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यह प्लेबुक देशभर में किए गए विस्तृत परामर्श, पायलट परियोजनाओं और हितधारकों — सरकार, उद्योग, स्टार्टअप, शैक्षणिक संस्थान और किसान संगठनों — के सुझावों पर आधारित है।
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इसमें एक सहयोगात्मक मॉडल भी शामिल है, जो यह परिभाषित करता है कि एआई इकोसिस्टम में सरकार, उद्योग और अंतिम उपयोगकर्ता की क्या भूमिका होगी।
🔹 ‘एआई सैंडबॉक्स श्वेत पत्र’ क्या है?
यह श्वेत पत्र भारत में एआई नवाचार को सुरक्षित और नियंत्रित तरीके से परीक्षण करने का ढांचा सुझाता है।
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“सैंडबॉक्स” का मतलब है — एक ऐसा नियंत्रित वातावरण, जहां एआई आधारित समाधान को प्रयोग और परीक्षण किया जा सके, ताकि उनके सामाजिक और तकनीकी प्रभावों को समझा जा सके।
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इस मॉडल के तहत स्टार्टअप और उद्योगों को नए एआई समाधान विकसित करने और उन्हें वास्तविक परिस्थितियों में सुरक्षित रूप से परखने का मौका मिलेगा।
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यह भारत में एथिकल, सुरक्षित और पारदर्शी एआई फ्रेमवर्क को मजबूत करेगा।
🔹 किसानों और उद्यमियों के लिए क्या बदलेगा?
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कृषि क्षेत्र में एआई की मदद से फसल पूर्वानुमान, मिट्टी और जल विश्लेषण, कीट नियंत्रण और स्मार्ट खेती जैसी प्रक्रियाएं आसान होंगी।
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लघु एवं मध्यम उद्योगों में एआई अपनाने से उत्पादन दक्षता, गुणवत्ता नियंत्रण और बाज़ार विश्लेषण में सुधार होगा।
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इससे छोटे व्यवसायों को कम लागत में डिजिटल परिवर्तन करने में मदद मिलेगी।
🔹 भारत की एआई यात्रा में नया अध्याय
यह पहल “AI for India 2030” मिशन के अनुरूप है, जिसका लक्ष्य है — एआई को देश की अर्थव्यवस्था, शिक्षा, कृषि और शासन के केंद्र में लाना।
इस कार्यक्रम से भारत न केवल एआई उपयोग में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक विश्वसनीय एआई भागीदार के रूप में उभरेगा।
🔹 आगे की दिशा
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आने वाले महीनों में इन दोनों दस्तावेज़ों को राज्य सरकारों और स्थानीय संस्थाओं तक पहुंचाया जाएगा।
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पायलट प्रोजेक्ट्स के ज़रिए वास्तविक खेतों और उद्योगों में एआई समाधानों का परीक्षण किया जाएगा।
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साथ ही, डेटा सुरक्षा, गोपनीयता और नैतिक मानकों को ध्यान में रखते हुए नीति निर्माण की प्रक्रिया को और मज़बूत किया जाएगा।
संक्षेप में:
एआई प्लेबुक और एआई सैंडबॉक्स श्वेत पत्र भारत में तकनीक के ज़िम्मेदार इस्तेमाल का रोडमैप हैं। यह दिखाता है कि भारत सिर्फ एआई को अपनाना नहीं चाहता, बल्कि उसे “मानव केंद्रित, पारदर्शी और समावेशी” बनाकर दुनिया के सामने एक नया उदाहरण पेश करना चाहता है।
