रूस ने टेस्ट की दुनिया की पहली न्यूक्लियर पावर्ड मिसाइल: पुतिन बोले — “इसे कोई डिफेंस सिस्टम नहीं रोक सकता”

इटरनेशनल डेस्क

रूस ने दुनिया को चौंकाते हुए पहली न्यूक्लियर-पावर्ड क्रूज मिसाइल “बुरेवस्तनिक-9M739” (Burevestnik) का सफल परीक्षण किया है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे “ऐसा हथियार जिसे कोई डिफेंस सिस्टम इंटरसेप्ट नहीं कर सकता” बताया है।


 15 घंटे की उड़ान, 14 हजार किलोमीटर की दूरी तय

रूसी सेना के प्रमुख वैलेरी गेरेसिमोव ने बताया कि यह ऐतिहासिक टेस्ट 21 अक्टूबर 2025 को किया गया।
बुरेवस्तनिक मिसाइल ने लगभग 15 घंटे उड़ान भरी और 14,000 किमी से अधिक दूरी तय की।
गेरेसिमोव के अनुसार यह इसकी “अधिकतम रेंज” नहीं है — यह और भी दूर तक जा सकती है।


 कैसे काम करती है यह मिसाइल?

बुरेवस्तनिक एक न्यूक्लियर रिएक्टर से चलने वाली क्रूज मिसाइल है।
लॉन्च के समय इसे सॉलिड-फ्यूल रॉकेट बूस्टर से छोड़ा जाता है, जिसके बाद इसका न्यूक्लियर इंजन सक्रिय हो जाता है।
यह मिसाइल केवल 50 से 100 मीटर की ऊंचाई पर उड़ती है, रास्ता लगातार बदलती रहती है, और किसी भी एंटी-मिसाइल सिस्टम से बच निकलने में सक्षम है।

 इसे “अनलिमिटेड रेंज मिसाइल” कहा जा रहा है, जो सिद्धांत रूप में दुनिया के किसी भी कोने तक हमला कर सकती है।


विशेषज्ञ बोले — “उड़ता हुआ चेरनोबिल”

अंतरराष्ट्रीय रक्षा विश्लेषक जेफरी लुईस ने चेतावनी दी है कि यह मिसाइल “एक उड़ता हुआ चेरनोबिल” साबित हो सकती है।
उनके मुताबिक इसमें मौजूद मिनी न्यूक्लियर रिएक्टर सुरक्षा के लिहाज से बड़ा खतरा है।
उन्होंने कहा — “यह किसी साइंस फिक्शन फिल्म जैसा हथियार है जो दुनिया को और अस्थिर बना सकता है।”

चेरनोबिल वह जगह है जहां 1986 में दुनिया की सबसे भयंकर परमाणु दुर्घटना हुई थी।


 अमेरिका की प्रतिक्रिया: ट्रम्प ने कहा — “जंग रोको, टेस्ट नहीं”

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस परीक्षण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा —

“पुतिन को जंग रोकनी चाहिए, मिसाइल टेस्ट नहीं करनी चाहिए। यह चार साल से चल रही जंग खत्म होनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि अमेरिका “गोल्डन डोम” डिफेंस सिस्टम विकसित कर रहा है, ताकि बुरेवस्तनिक जैसी मिसाइलों से बचाव किया जा सके।


 तकनीकी चुनौतियाँ अब भी बाकी

International Institute for Strategic Studies (IISS) की रिपोर्ट में कहा गया है कि
रूस को अब भी इस मिसाइल के न्यूक्लियर इंजन को सुरक्षित रूप से ऑपरेट करने में तकनीकी कठिनाइयाँ हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक 2016 से अब तक हुए दर्जनों टेस्ट में केवल आंशिक सफलता मिली है और कुछ हादसे भी हुए हैं।


 निष्कर्ष: हथियारों की दौड़ में नया अध्याय

बुरेवस्तनिक मिसाइल का सफल परीक्षण वैश्विक स्तर पर हथियारों की होड़ में एक नया अध्याय जोड़ता है।
यह तकनीक रूस को “अनलिमिटेड स्ट्राइक कैपेबिलिटी” देने का दावा करती है,
पर साथ ही इसके रेडिएशन और स्थिरता पर खतरे को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है।

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