नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में चार दिवसीय वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 का भव्य समापन हुआ। यह आयोजन भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ, जिसने न सिर्फ रिकॉर्ड निवेश आकर्षित किया बल्कि भारत की पहचान को एक विश्वसनीय वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में और मजबूत कर दिया।
उद्घाटन से लेकर समापन तक—दुनिया भर की नज़रें भारत पर
कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के उप-प्रधानमंत्री दिमित्री पेत्रुशेव, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, प्रतापराव जाधव और रवनीत सिंह की मौजूदगी में की। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारत की कृषि विविधता, बढ़ती मध्यम वर्गीय मांग, 100% एफडीआई, उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन और मेगा फूड पार्क जैसी पहलों का ज़िक्र करते हुए दुनिया को भरोसा दिलाया कि भारत खाद्य आपूर्ति श्रृंखला का भरोसेमंद भागीदार है।
पीएम ने इसी मंच से 2,518 करोड़ रुपये की सूक्ष्म परियोजनाओं के लिए 26,000 लाभार्थियों को ऋण-आधारित सब्सिडी भी जारी की।
रिकॉर्ड निवेश और समझौते
इस मेगा इवेंट ने निवेश के मामले में इतिहास रच दिया। 1,02,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए, जो भारतीय खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी प्रतिबद्धता है।
- उद्योग और नीति निर्माण पर 40 से अधिक सत्र हुए।
- 10,500 से ज्यादा बी2बी मीटिंग्स और 18,000 से अधिक रिवर्स क्रेता-विक्रेता मीटिंग्स ने उद्योग को नई दिशा दी।
- कुल 95,000 से अधिक प्रतिभागियों ने इसमें हिस्सा लिया, जो इस आयोजन की विशालता और आकर्षण को दिखाता है।
वैश्विक साझेदारियों का नया युग
रूस, श्रीलंका, मोरक्को, मालदीव, पुर्तगाल, न्यूज़ीलैंड, ज़िम्बाब्वे, युगांडा, एस्वातिनी, कोट डी आइवर और कुवैत सहित कई देशों के प्रतिनिधियों ने भारतीय समकक्षों से गहन सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की। इन बैठकों ने भारत की छवि को वैश्विक कृषि-खाद्य मूल्य श्रृंखलाओं के विश्वसनीय भागीदार के रूप में और मजबूत किया।
तकनीक और नवाचार का जलवा
तकनीकी एजेंडे में पालतू पशुओं का आहार, न्यूट्रास्युटिकल्स, पादप-आधारित खाद्य, मादक पेय और विशिष्ट खाद्य पदार्थों जैसे उभरते क्षेत्रों पर विशेष सत्र हुए।
तीसरे ग्लोबल फूड रेगुलेटरी समिट ने डिजिटल टूल्स से जोखिम प्रबंधन, अगली पीढ़ी की नियामक नीतियों और पोषण-आधारित रणनीतियों पर चर्चा का मंच दिया।
सीफूड इंडस्ट्री को नई रफ़्तार
इसी दौरान 24वें इंडिया इंटरनेशनल सीफूड शो का उद्घाटन भी हुआ, जिसमें समुद्री खाद्य निर्यात की अपार संभावनाओं पर फोकस किया गया। वैश्विक खरीदारों और भारत की गुणवत्ता एवं सुरक्षा से जुड़ी नीतियों ने इस क्षेत्र को नई गति प्रदान की।
भारत का ‘फूड पॉवर’ अब विश्व मंच पर
वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 ने यह साबित कर दिया कि भारत केवल उपभोक्ता बाजार ही नहीं, बल्कि खाद्य प्रसंस्करण, नवाचार और सतत विकास का वैश्विक केंद्र बनने की राह पर तेज़ी से अग्रसर है।
इतिहास रचने वाले निवेश, मजबूत अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों और नवाचार के नए अवसरों के साथ, यह आयोजन भारत के लिए कृषि-खाद्य मूल्य श्रृंखलाओं में विश्व नेतृत्व की ठोस नींव बन गया है।
