भारत के लिए गर्व का पल है। अगस्त 2025 में देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) ने साल-दर-साल आधार पर 4.0 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की है। यह उपलब्धि भारत की बढ़ती औद्योगिक ताक़त और लगातार सशक्त हो रही अर्थव्यवस्था का प्रमाण है।
प्रमुख आंकड़े जो दिलाते हैं भरोसा
- कुल IIP: 151.7 (अगस्त 2024 में 145.8)
- क्षेत्रवार वृद्धि: खनन 6.0%, विनिर्माण 3.8%, बिजली 4.1%
- शीर्ष योगदानकर्ता:
- बेसिक मेटल्स का निर्माण: 12.2%
- मोटर वाहन, ट्रेलर और सेमी-ट्रेलर निर्माण: 9.8%
- कोक और रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पाद निर्माण: 5.4%
खनन और विनिर्माण जैसे अहम क्षेत्रों में यह उछाल भारत की औद्योगिक क्षमता और तकनीकी प्रगति को रेखांकित करता है।
उपयोग-आधारित शानदार प्रदर्शन
- प्राइमरी गुड्स: 5.2% वृद्धि
- कैपिटल गुड्स: 4.4% वृद्धि
- इंटरमीडिएट गुड्स: 5.0% वृद्धि
- इंफ्रास्ट्रक्चर/कंस्ट्रक्शन गुड्स: 10.6% की रिकॉर्ड वृद्धि
यह साफ संकेत है कि भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर और निर्माण गतिविधियां जोर पकड़ रही हैं, जो रोजगार और निवेश के नए अवसर पैदा कर रही हैं।
गर्व का कारण
जुलाई 2025 में जहां IIP वृद्धि 3.5% थी, वहीं अगस्त में यह बढ़कर 4% हो गई। यह बताता है कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत का औद्योगिक ढांचा निरंतर मजबूत हो रहा है।
बेसिक मेटल्स, ऑटोमोबाइल और पेट्रोलियम जैसे सेक्टरों में उत्पादन बढ़ना भारत की मजबूत सप्लाई चेन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा का सबूत है।
भारत का यह प्रदर्शन केवल आर्थिक आंकड़ा नहीं, बल्कि एक संदेश है—भारत की इंडस्ट्री अब विश्व स्तर पर नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है। यह वृद्धि देश को आत्मनिर्भरता, निर्यात में बढ़ोतरी और रोजगार सृजन की दिशा में और आगे ले जाती है।
