पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बड़े शान-शौके से सोशल मीडिया पर धमकी दी है कि इस बार भारत “अपने ही जेट्स के मलबे में दफन” होगा।
भारत के सेना प्रमुख उपेन्द्र द्विवेदी के “नक्शे से मिटा देंगे” जैसे बयान ने पाकिस्तान को इतना परेशान कर दिया है कि अब वे भाषणों में जान फूंकने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन ऐसा लगता है जैसे डर के मरे उड़ने की نीयत लेकर निकल पड़े हों।
ख्वाजा आसिफ की धमकी (या हास्य उपाय?)
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उन्होंने लिखा: “इस बार… इंशाअल्लाह, भारत अपने विमानों के मलबे के नीचे दब जाएगा। अल्लाहु अकबर।”
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उनके मुताबिक, राजनीतिक और सैन्य नेता अब बयानों से अपनी खोई विश्वसनीयता पाना चाहते हैं — मगर उन्हें बयानबाजी में सफलता नहीं मिल रही।
एक बयान, चार सवाल
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अगर भारत वास्तव में अपने जेट्स के मलबे के नीचे दब जाएगा, तो उसे खुद ही कब्र खोदनी पड़ी होगी — पाकिस्तान की जमीन है या भारत की?
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इतनी बड़ी धमकी देते समय ये नहीं सोचा गया कि “मलबे के नीचे दबना” कमाल की काल्पनिक कवायद ही है?
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क्या ख्वाजा साहब सच में मानते हैं कि जेट्स उड़ती-उड़ती इतनी आलसी हो जाएँगी कि खुद गिरी हुई पड़ी रहें?
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अंतिम और सबसे मजेदार: अगर भारत दब गया ही, तो उसके मलबे को कौन संभालेगा — पाकिस्तान या कोई तीसरा व्यक्ति?
थोड़ा सच्चाई का तड़का
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इस माह भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” नामक अभियान के दौरान पाकिस्तानी और पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमला किया था।
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भारत ने दावा किया कि उसने पाकिस्तान के 11 एयरबेस क्षतिग्रस्त किए, और कई आतंकवादियों को मार गिराया।
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पाकिस्तान ने भारतीय दावे खारिज किए और जवाबी बयानबाजी की।
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इस सब बीच, पाकिस्तान के एक नेता ने यह स्वीकार भी किया है कि जब भारतीय ब्रह्मोस मिसाइलें नूर खान एयरबेस की ओर बढ़ीं, उन्हें अंदाज़ लगाने में केवल 30–45 सेकंड मिले थे कि यह हमला नाभिकीय हथियार है या नहीं।
