नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में एक बड़ी प्रगति हुई है। दोनों देश अक्टूबर 2025 के अंत तक सीधी हवाई सेवाएँ फिर से शुरू करने पर सहमत हुए हैं। यह सेवाएँ दोनों देशों के निर्दिष्ट स्थानों को जोड़ेंगी और यात्रियों के लिए यात्रा को आसान बनाएँगी।
विदेश मंत्रालय का बयान
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और चीन के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण सीधी हवाई सेवाओं को पुनः शुरू करने और हवाई सेवा समझौते में संशोधन पर तकनीकी स्तर की बातचीत कर रहे हैं। उड़ानें तभी शुरू होंगी जब दोनों देशों के निर्धारित वाहक (designated carriers) वाणिज्यिक निर्णय लेंगे और सभी परिचालन मानकों को पूरा करेंगे।
शीतकालीन सत्र से उड़ानें संभव
अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सेवाएँ अक्टूबर 2025 के अंत तक, शीतकालीन सत्र के कार्यक्रम (Winter Schedule) के अनुरूप फिर से शुरू होंगी। इसका मतलब है कि यात्रियों को इस साल के अंत तक भारत से चीन और चीन से भारत के लिए सीधी उड़ानों की सुविधा मिलने लगेगी।
संबंधों को सामान्य बनाने की पहल
सरकार ने इस वर्ष की शुरुआत से ही कई पहल की हैं ताकि भारत-चीन संबंधों को फिर से सामान्य बनाया जा सके। सीधी उड़ानों की बहाली से न केवल दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क आसान होगा बल्कि द्विपक्षीय व्यापार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
क्या होगा फायदा?
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यात्रियों को सीधी उड़ानों से समय और लागत दोनों की बचत होगी।
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व्यापारिक यात्राएँ और तेज़ और सुगम होंगी।
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शिक्षा, पर्यटन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आदान-प्रदान में वृद्धि होगी।
