बीजापुर (छत्तीसगढ़): राज्य में नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता हाथ लगी है। बीजापुर जिले में कुल 103 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वालों में 23 महिलाएं भी शामिल हैं। इनमें से 49 माओवादी इनामी थे, जिन पर सरकार ने कुल मिलाकर 1 करोड़ 6 लाख रुपये से अधिक का इनाम घोषित कर रखा था।
आत्मसमर्पण के पीछे सरकार की नीति
छत्तीसगढ़ सरकार लंबे समय से माओवादियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए विशेष पुनर्वास नीति चला रही है। इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले प्रत्येक नक्सली को 50,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। साथ ही उन्हें समाज में सम्मानजनक जीवन जीने के लिए रोज़गार और पुनर्वास योजनाओं से जोड़ा जाता है।
2025 में अब तक का रिकॉर्ड
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410 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
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421 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं।
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अलग-अलग मुठभेड़ों में 137 माओवादी ढेर हुए हैं।
यह आँकड़े बताते हैं कि सुरक्षा बलों और प्रशासन की रणनीति लगातार असरदार साबित हो रही है।
आत्मसमर्पण का महत्व
विशेषज्ञों का मानना है कि इस सामूहिक आत्मसमर्पण से माओवादी संगठनों की कमजोर होती पकड़ साफ झलकती है। बढ़ते आत्मसमर्पण से न सिर्फ़ शांति और सुरक्षा की स्थिति मजबूत होगी, बल्कि क्षेत्र में विकास की रफ्तार भी तेज होगी।
