नई दिल्ली, 3 अक्टूबर 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 अक्टूबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन से 62,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की युवा-केंद्रित पहलों का शुभारंभ करेंगे। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का मुख्य फोकस होगा – शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता।
पीएम-सेतु: 1,000 सरकारी आईटीआई का उन्नयन
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प्रधानमंत्री 60,000 करोड़ रुपये की लागत से पीएम-सेतु (Prime Minister’s Skill and Employment Transformation through Upgraded ITIs) का शुभारंभ करेंगे।
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इस योजना के तहत 1,000 सरकारी आईटीआई को हब-एंड-स्पोक मॉडल में अपग्रेड किया जाएगा (200 हब और 800 स्पोक आईटीआई)।
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इसमें डिजिटल लर्निंग, इनोवेशन सेंटर, इनक्यूबेशन हब और उद्योगों की साझेदारी शामिल होगी।
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पहला चरण बिहार के पटना और दरभंगा से शुरू होगा।
बिहार पर विशेष जोर
प्रधानमंत्री की घोषणाओं में बिहार अहम भूमिका निभाएगा:
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मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना (पुनर्नवीनीकरण): हर साल 5 लाख स्नातक युवाओं को 2 वर्षों तक ₹1,000 मासिक भत्ता और निःशुल्क स्किल ट्रेनिंग।
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बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना (रीडिज़ाइन): छात्रों को 4 लाख रुपये तक ब्याज-मुक्त शिक्षा ऋण।
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बिहार युवा आयोग का उद्घाटन – 18 से 45 वर्ष के युवाओं के लिए एक वैधानिक आयोग।
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जन नायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय का शुभारंभ – इंडस्ट्री-ओरिएंटेड कोर्स और व्यावसायिक शिक्षा।
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चार विश्वविद्यालयों (पटना यूनिवर्सिटी, बीएन मंडल यूनिवर्सिटी, जयप्रकाश यूनिवर्सिटी, नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय) में नई रिसर्च व अकादमिक सुविधाओं की आधारशिला (₹160 करोड़ का निवेश)।
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NIT पटना का नया बिहटा कैंपस – 5G लैब, स्पेस एजुकेशन सेंटर और स्टार्टअप इनक्यूबेशन हब सहित आधुनिक सुविधाओं के साथ।
अन्य प्रमुख घोषणाएँ
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1,200 व्यावसायिक कौशल प्रयोगशालाएँ: 34 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 400 नवोदय विद्यालय और 200 एकलव्य आवासीय विद्यालयों में।
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आईटी, ऑटोमोबाइल, कृषि, इलेक्ट्रॉनिक्स, पर्यटन जैसे 12 सेक्टरों में ट्रेनिंग।
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कौशल दीक्षांत समारोह: 46 राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ ITI टॉपर को सम्मानित किया जाएगा।
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4,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरण।
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25 लाख विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति (कक्षा 9–10) – ₹450 करोड़ का DBT ट्रांसफर।
देश की प्रगति के लिए आधार
इन पहलों से न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के युवाओं को नई दिशा मिलेगी। शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता को एकीकृत करके, यह योजनाएँ भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी कार्यबल तैयार करने में मदद करेंगी।
