नई दिल्ली, 25 अक्तूबर।
देश में तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि भारत अगले दो वर्षों के भीतर मोबाइल फ़ोन के कल-पुर्जों के निर्माण में पूर्णतः आत्मनिर्भर हो जाएगा।
नई दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए श्री वैष्णव ने बताया कि अब देश में केवल असेंबली नहीं, बल्कि मोबाइल फ़ोन के हर घटक — चिपसेट, डिस्प्ले, कैमरा मॉड्यूल, बैटरी और सर्किट बोर्ड तक — का घरेलू उत्पादन शुरू करने की दिशा में ठोस कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार सर्वर और उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग के लिए ऊर्जा-कुशल माइक्रो-प्रोसेसर विकसित करने पर विशेष बल दे रही है, जिसके लिए 200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा। यह पहल देश को “आयातक से निर्यातक” बनाने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी।
श्री वैष्णव ने यह भी बताया कि अब तक केंद्र सरकार के 12 लाख से अधिक कर्मचारी स्वदेशी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म ‘Zoho’ से जुड़ चुके हैं, जिससे सरकारी कार्यप्रणाली में स्वदेशी तकनीक की भागीदारी बढ़ी है।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सरकार ऑनलाइन वीडियो और डिजिटल सामग्री की सत्यता जांचने हेतु एक चैटबॉट विकसित कर रही है। यह प्रणाली झूठी या भ्रामक सूचनाओं की पहचान कर फर्जी विषय-वस्तु के प्रसार पर रोक लगाने में सहायक सिद्ध होगी।
श्री वैष्णव ने विश्वास व्यक्त किया कि सरकार और उद्योग के संयुक्त प्रयासों से भारत न केवल आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि विश्व-स्तरीय मोबाइल निर्माण केंद्र के रूप में अपनी पहचान स्थापित करेगा।
