अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस को लेकर अमेरिका और तालिबान के बीच तनाव नई ऊँचाइयों पर पहुंच गया है।
अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार, 20 सितंबर को चेतावनी दी थी कि “अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस को उसके निर्माणकर्ताओं—यानी अमेरिका—को वापस नहीं करता तो बुरी घटनाएं होंगी।”
लेकिन ट्रंप की यह सख्त चेतावनी तालिबान को कतई नहीं डरा सकी। रविवार को तालिबान सरकार ने दो टूक कहा—
“एक मीटर जमीन भी नहीं देंगे… बगराम एयरबेस हमारा है!”
बगराम पर पुराना कब्ज़ा, नई तनातनी
चार साल पहले अमेरिका की तेज़ी से हुई वापसी के बाद तालिबान ने इस रणनीतिक सैन्य अड्डे पर कब्जा जमा लिया था। अब ट्रंप के बयानों ने इस पुराने विवाद को दोबारा जगा दिया है।
अभी तक यह साफ नहीं है कि एयरबेस को लेकर अमेरिकी अधिकारियों और अफगान सरकार के बीच कोई औपचारिक बातचीत हुई है या नहीं, लेकिन ट्रंप के तीखे बयान ने कूटनीति में हलचल जरूर पैदा कर दी है।
ट्रंप का सोशल मीडिया वार
अपने प्लेटफॉर्म Truth Social पर ट्रंप ने लिखा:
“अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस वापस नहीं करता, तो बुरी घटनाएं घटेंगी।”
उनकी यह टिप्पणी सिर्फ चेतावनी नहीं, बल्कि एक खुला अल्टीमेटम मानी जा रही है।
क्या बढ़ेगा तनाव?
बगराम एयरबेस न केवल अफगानिस्तान की रणनीतिक धड़कन है, बल्कि यह अमेरिका के लिए भी आतंकरोधी अभियानों का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। तालिबान के ताज़ा जवाब ने संकेत दे दिए हैं कि यह विवाद जल्दी थमने वाला नहीं।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें अब वॉशिंगटन और काबुल के बीच बढ़ते तनाव पर टिकी हैं—जहाँ हर नया बयान इस टकराव को और नाटकीय बना रहा है।
