प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात की 126वीं कड़ी में देशवासियों से आह्वान किया कि इस त्योहारी मौसम में वोकल फॉर लोकल के मंत्र को अपनाएँ और स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि स्वदेशी सामान खरीदने से न सिर्फ परिवार में खुशी आएगी, बल्कि कारीगरों के परिश्रम को सम्मान और युवा उद्यमियों के सपनों को पंख मिलेंगे।
बेटियों का साहस, राष्ट्र का गौरव
प्रधानमंत्री ने नौसेना की दो साहसी अधिकारियों—लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और रूपा—की अनूठी उपलब्धि का ज़िक्र किया। दोनों ने आठ महीने तक समुद्र में रहकर नाविका सागर परिक्रमा पूरी की और दुनिया के सबसे दूरस्थ बिंदु प्वाइंट नेमो पर भारतीय तिरंगा फहराया। यह उपलब्धि उन्हें इस स्थान तक नौका से पहुंचने वाली पहली नागरिक बनाती है।
परंपरा और नवाचार के चमकते सितारे
मोदी ने कई युवा उद्यमियों के प्रेरक कार्यों को साझा किया—
- तमिलनाडु के याज़ नेचुरल्स के अशोक जगदीशन और प्रेम सेल्वाराज ने केले के तने और घास से योगा चटाई बनाकर सैकड़ों परिवारों को रोजगार दिया।
- झारखंड के आशीष सत्यव्रत साहू ने जोहारग्राम ब्रांड से आदिवासी बुनाई को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई।
- बिहार की स्वीटी कुमारी ने संकल्प क्रिएशन्स से सैकड़ों ग्रामीण महिलाओं को मिथिला पेंटिंग के ज़रिए आत्मनिर्भर बनाया।
संस्कृति और विरासत का उत्सव
प्रधानमंत्री ने छठ पूजा को यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल करने के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोलकाता की दुर्गापूजा की तरह ही दुनिया को अब छठ महापर्व की भव्यता देखने का अवसर मिलेगा।
राष्ट्र सेवा और प्रेरणा के प्रसंग
मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने को विशेष बताया और कहा कि संघ ने बिना थके राष्ट्र सेवा में खुद को समर्पित किया है। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, संगीत सम्राज्ञी लता मंगेशकर, महान विचारक एस.एल. भैरप्पा और असम के लोकप्रिय गायक ज़ुबिन गर्ग को भी श्रद्धांजलि दी।
स्वदेशी और खादी का संदेश
महात्मा गांधी की जयंती पर प्रधानमंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि 2 अक्टूबर को खादी उत्पाद ज़रूर खरीदें और #VocalForLocal के साथ इसे साझा करें। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में खादी की लोकप्रियता और बिक्री दोनों में जबरदस्त वृद्धि हुई है।
अंत में प्रधानमंत्री ने सभी देशवासियों को आने वाले त्योहारों—खासकर दीपावली—की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मार्ग तभी संभव है जब हर भारतीय स्वदेशी उत्पादों को अपनाए और उनका गर्व से उपयोग करे।
