नई दिल्ली, 01 अक्टूबर 2025 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने देशभर में 57 नए केंद्रीय विद्यालय (Kendriya Vidyalaya) खोलने को मंजूरी दी है। इन विद्यालयों की स्थापना पर कुल 5862.55 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें से 2585.52 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय और 3277.03 करोड़ रुपये परिचालन व्यय शामिल है।
57 नए केंद्रीय विद्यालयों की खास बातें
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कुल 5862 करोड़ रुपये की लागत से परियोजना लागू होगी।
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पहली बार बालवाटिका (Pre-Primary) से 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई की सुविधा।
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86640 विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ।
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प्रत्येक विद्यालय में लगभग 1520 विद्यार्थियों की क्षमता।
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4617 प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
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निर्माण कार्य और अधोसंरचना विकास से हज़ारों अप्रत्यक्ष रोजगार भी मिलेंगे।
केंद्रीय विद्यालय क्यों महत्वपूर्ण हैं?
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केंद्र सरकार के कर्मचारियों (रक्षा, अर्धसैनिक बल और अन्य विभाग) के बच्चों को एकसमान शिक्षा सुविधा।
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NEP 2020 (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) के अनुरूप आधुनिक और समावेशी शिक्षा का प्रसार।
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वर्तमान में 1288 कार्यरत केवी, जिनमें 3 विदेशों में (मॉस्को, काठमांडू, तेहरान) शामिल।
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30 जून 2025 तक केवी में कुल नामांकन 13.62 लाख छात्र।
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केवी छात्रों का प्रदर्शन लगातार CBSE बोर्ड परीक्षाओं में सर्वश्रेष्ठ।
कहाँ खोले जाएंगे नए 57 केंद्रीय विद्यालय?
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20 जिले – जहाँ सरकारी कर्मचारियों की संख्या अधिक है लेकिन अब तक कोई केंद्रीय विद्यालय नहीं।
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14 आकांक्षी जिले – शिक्षा और अवसरों से वंचित क्षेत्रों में।
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4 विद्यालय नक्सल प्रभावित जिलों में।
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5 विद्यालय पूर्वोत्तर व पहाड़ी क्षेत्रों में।
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शेष विद्यालय गृह मंत्रालय और राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रायोजित।
शिक्षा और राष्ट्रीय एकीकरण की दिशा में बड़ा कदम
इन नए केंद्रीय विद्यालयों से –
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शिक्षा की समान गुणवत्ता देश के हर हिस्से में पहुँचेगी।
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राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समावेशिता को बढ़ावा मिलेगा।
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कठिन भौगोलिक क्षेत्रों और कम सेवा प्राप्त जिलों तक शिक्षा का विस्तार होगा।
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यह कदम केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) के नेटवर्क को और मजबूत करेगा।
