दूध और पनीर पर जीएसटी खत्म, घी-मक्खन पर सिर्फ 5% टैक्स; कृषि उपकरण, उर्वरक और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को भी सीधा लाभ मिलेगा
नई दिल्ली, 6 सितंबर 2025 – केंद्र सरकार ने सहकारिताओं, किसानों और ग्रामीण उद्यमों को मजबूती देने के लिए वस्तु एवं सेवा कर (GST) दरों में व्यापक कटौती की घोषणा की है। इन सुधारों से देशभर के 10 करोड़ से अधिक डेयरी किसानों को सीधा लाभ मिलने की संभावना है।
नई दरों के तहत दूध और पनीर को पूरी तरह जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है, जबकि मक्खन और घी पर कर घटाकर 12% से 5% कर दिया गया है। सरकार का मानना है कि इससे दुग्ध उत्पाद सस्ते होंगे, पोषण सुरक्षा बढ़ेगी और सहकारिताओं के साथ-साथ स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को भी मजबूती मिलेगी।
कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को राहत
कृषि उपकरणों और 1800 सीसी से कम क्षमता वाले ट्रैक्टरों पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है। ट्रैक्टर के टायर, ट्यूब और अन्य पुर्ज़ों पर भी यही दर लागू होगी।
अमोनिया, सल्फ्यूरिक अम्ल और नाइट्रिक अम्ल जैसे उर्वरक इनपुट पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
बारह बायो-पेस्टीसाइड और कई माइक्रोन्यूट्रिएंट्स पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलेगा।
खाद्य प्रसंस्करण में चीज़, पास्ता, नमकीन, जैम-जेली, फलों का गूदा, जूस आधारित पेय पदार्थ, कॉर्न फ्लेक्स, आइसक्रीम, केक और बिस्किट पर भी जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
लॉजिस्टिक्स और ग्रामीण उद्योगों को फायदा
पैकिंग पेपर, डिब्बे और पेटियों पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे पैकेजिंग और लॉजिस्टिक्स लागत कम होगी।
वाणिज्यिक ट्रक और डिलीवरी वैन पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% किया गया है, जिससे ढुलाई सस्ती होगी और निर्यात प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
मालवाहक वाहनों के थर्ड-पार्टी बीमा पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है और इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की सुविधा भी दी गई है।
सरकार का कहना है कि इन सुधारों से न केवल किसानों और ग्रामीण उद्यमों की आय बढ़ेगी, बल्कि सहकारिताओं और दुग्ध प्रसंस्करण इकाइयों को नई ताकत मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लाए गए #NextGenGST रिफॉर्म्स का सहकारी क्षेत्र और किसान संगठनों ने स्वागत किया है।
