नई दिल्ली, 07 सितम्बर: केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने चीन के जिनिंग में आयोजित 18वें अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान ओलंपियाड (IESO-2025) में शानदार प्रदर्शन करने वाले भारतीय विजेता छात्रों को सम्मानित किया। भारतीय टीम ने प्रतियोगिता में कुल 7 पदक – 1 स्वर्ण, 4 रजत और 2 कांस्य – अपने नाम किए और अंतर्राष्ट्रीय भूविज्ञान युवा आंदोलन (I-GYM) रिपोर्टर श्रेणी में तीसरा पुरस्कार भी हासिल किया।
विजेता छात्रों में रयांश गुप्ता (सत पॉल मित्तल स्कूल, लुधियाना) ने 1 स्वर्ण, 1 रजत और I-GYM तृतीय पुरस्कार जीता। चारुव्रत बैंस (एमजीएन पब्लिक स्कूल, कपूरथला) ने 2 रजत और 1 कांस्य, अपम निधि पांडे (पीएम श्री केवी नंबर 1, जयपुर) ने 1 रजत तथा प्रियांशी घनघास (एमडी इंद्रप्रस्थ सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल, दिल्ली) ने 1 कांस्य पदक जीता। इन छात्रों को प्रो. देवेश वालिया और प्रो. हेमा अच्युतन ने मार्गदर्शन दिया जबकि डॉ. जगवीर सिंह पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद रहे।
इस अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह सफलता भारत की स्टार्टअप क्रांति से प्रेरित नई पीढ़ी की आकांक्षाओं को दर्शाती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) ने युवाओं को पारंपरिक विषयों की सीमाओं से मुक्त कर उभरते क्षेत्रों – पृथ्वी विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और स्टार्ट-अप आधारित स्व-रोज़गार – की ओर बढ़ने का अवसर दिया है।
मंत्री ने छात्रों से अपील की कि वे विज्ञान ज्योति, छात्रवृत्ति, फैलोशिप और अनुसंधान अनुदान जैसी सरकारी पहलों का लाभ उठाएँ और अपने नवाचारों को समाज की वास्तविक समस्याओं के समाधान में लागू करें। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि न केवल भारत की वैज्ञानिक प्रतिभा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थापित करती है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा भी है।
