“भारत को एक अग्रणी नवाचार अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लें” – राष्ट्रपति
नई दिल्ली, 8 सितंबर 2025।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज राजधानी दिल्ली में इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी इंडिया) के प्लेटिनम जयंती समारोह में हिस्सा लिया और देश को नवाचार आधारित अग्रणी अर्थव्यवस्था बनाने का आह्वान किया।
समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने प्राचीन काल में अध्यात्म और व्यापार दोनों क्षेत्रों में विश्व नेतृत्व किया था। उन्होंने जोर दिया कि अब समय आ गया है कि देश पुनः ज्ञान और व्यापार का वैश्विक केंद्र बने। इस दिशा में ईईपीसी को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
इंजीनियरिंग निर्यात में ऐतिहासिक वृद्धि
राष्ट्रपति ने आंकड़ों का उल्लेख करते हुए बताया कि पिछले 10 वर्षों में भारत का इंजीनियरिंग निर्यात 70 अरब डॉलर से बढ़कर 115 अरब डॉलर से अधिक हो गया है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए ईईपीसी की सराहना की और कहा कि यह प्रगति अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में चुनौतियों के बावजूद और भी महत्वपूर्ण है।
वैश्विक सेतु के रूप में ईईपीसी
मुर्मु ने कहा कि ईईपीसी अंतर्राष्ट्रीय बाजार और भारतीय उत्पादकों के बीच सेतु का कार्य करता है। उन्होंने परिषद से आग्रह किया कि बदलती वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में भारत की भूमिका को और अधिक सशक्त बनाने के लिए सतत प्रयास करें।
‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना पर बल
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की ताकत है कम लागत पर उच्च गुणवत्ता वाली इंजीनियरिंग सेवाएं और उत्पाद। उन्होंने ईईपीसी के हितधारकों से ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का संकल्प लेने की अपील की।
भारत को नवाचार अर्थव्यवस्था बनाने का आह्वान
राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों के ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर भारत में हैं। ऐसे में हितधारकों को चाहिए कि वे एक सक्षम इको-सिस्टम बनाकर भारत को वैश्विक नवाचार केंद्र में तब्दील करें। उन्होंने ईईपीसी से कहा:
“देश की प्रतिभा और ऊर्जा को दिशा देते हुए भारत को एक अग्रणी नवाचार अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लें।”
