नई दिल्ली, 10 सितम्बर 2025 – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (CCEA) ने आज एक बड़े फैसले में भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेलवे लाइन (177 किमी) के दोहरीकरण को मंजूरी दे दी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर 3,169 करोड़ रुपये की लागत आएगी और यह बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के पाँच जिलों को कवर करेगी।
भीड़भाड़ कम होगी, रेलवे सेवाएँ होंगी अधिक भरोसेमंद
इस दोहरीकरण से भारतीय रेलवे की लाइन क्षमता और परिचालन दक्षता में उल्लेखनीय सुधार होगा। मल्टी-ट्रैकिंग के बाद ट्रेनों की आवाजाही आसान होगी, जाम की समस्या घटेगी और यात्रियों व माल ढुलाई, दोनों के लिए समयबद्ध व विश्वसनीय सेवा उपलब्ध होगी। यह कदम भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त मार्गों पर आवश्यक बुनियादी ढाँचे को मजबूत करेगा।
धार्मिक और औद्योगिक केंद्रों को बेहतर कनेक्टिविटी
परियोजना का यह खंड देवघर (बाबा बैद्यनाथ धाम) और तारापीठ (शक्ति पीठ) जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों को रेल नेटवर्क से बेहतर तरीके से जोड़ेगा। साथ ही, कोयला, सीमेंट, उर्वरक, ईंट और पत्थर जैसी वस्तुओं की ढुलाई के लिए यह मार्ग बेहद अहम साबित होगा। इस क्षमता वृद्धि से हर साल लगभग 15 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढोया जा सकेगा।
441 गांवों और 28 लाख से अधिक लोगों को लाभ
परियोजना से लगभग 441 गांवों और 28.72 लाख आबादी को सीधा फायदा होगा। इसके अलावा, तीन आकांक्षी जिलों – बांका, गोड्डा और दुमका – में कनेक्टिविटी बढ़ेगी, जिससे रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान
रेलवे को ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण अनुकूल परिवहन साधन माना जाता है। इस परियोजना से न केवल परिवहन लागत घटेगी बल्कि 5 करोड़ लीटर तेल आयात और लगभग 24 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन की बचत होगी। यह योगदान एक करोड़ पेड़ लगाने के बराबर होगा।
पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत बड़ी पहल
यह दोहरीकरण परियोजना पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता बढ़ाना है। यह पहल “आत्मनिर्भर भारत” के विज़न को साकार करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
