नई दिल्ली, 12 सितंबर 2025 – भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का बड़ा कदम उठाते हुए देश के लगभग 3.8 करोड़ किसानों को एआई-आधारित मौसम पूर्वानुमान उपलब्ध कराया है। यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है, जिसके ज़रिए खरीफ फसल पर निर्भर किसान अब चार हफ्ते पहले तक मानसून की सटीक जानकारी पा रहे हैं।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 13 राज्यों में किसानों को एम-किसान एसएमएस के माध्यम से ये पूर्वानुमान भेजे। गूगल के न्यूरल GCM और ECMWF-AIFS जैसे उन्नत ओपन-एक्सेस मॉडल के मिश्रण से तैयार ये एआई पूर्वानुमान पारंपरिक तरीकों से अधिक सटीक साबित हुए।
बदल रहा है खेती का तरीका
- समय से पहले चेतावनी: एआई ने मानसून की समय-पूर्व बारिश और 20 दिन की बारिश रुकने जैसी घटनाओं को सही-सही पहचान कर किसानों को सतर्क किया।
- निर्णय में मदद: किसान अब बोआई, फसल चयन और मात्रा तय करने में बेहतर योजना बना पा रहे हैं।
- क्लाइमेट चेंज का समाधान: जलवायु परिवर्तन से बढ़ती मौसम की अनिश्चितता में यह तकनीक जोखिम कम करने का प्रभावी उपाय है।
विशेषज्ञों की राय
- डॉ. प्रमोद कुमार मेहरदा (अपर सचिव, कृषि मंत्रालय) ने कहा कि यह कार्यक्रम किसानों को आत्मविश्वास के साथ कृषि गतिविधियों की योजना बनाने और जोखिम प्रबंधन में मदद करता है।
- नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. माइकल क्रेमर ने इस पहल को “किसानों की ज़रूरतों को प्राथमिकता देने वाला वैश्विक मॉडल” बताया।
- नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद ने कहा कि किसानों को सरल भाषा में मौसम जानकारी देना बेहद अहम है।
