नेपाल में जनरेशन Z का बवाल: हिंसक प्रदर्शनों के बीच पीएम ओली का इस्तीफा, सेना प्रमुख की शांति की अपील

नेपाल इन दिनों भारी राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल से गुजर रहा है। सोशल मीडिया पर पाबंदी और बढ़ते भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुआ युवाओं का आंदोलन अब हिंसक रूप ले चुका है। इस आंदोलन ने न सिर्फ देश की राजनीति को हिला दिया बल्कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया।


क्या हुआ नेपाल में?

  • मंगलवार को नेपाल में हुए प्रदर्शनों में कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हुए।
  • पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए घातक बल का इस्तेमाल किया, जिससे हालात और बिगड़ गए।
  • विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व मुख्य रूप से युवाओं और छात्रों ने किया, जिसे अब “Gen Z मूवमेंट” कहा जा रहा है।
  • सरकार द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगाए गए प्रतिबंध को विरोध के बाद वापस तो ले लिया गया, लेकिन गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन और तेज कर दिया।
  • दूसरी ओर, प्रदर्शनकारियों ने कई नेपाल के नेताओं पर हमला किया और उन्हें चोटें भी आईं।

सेना प्रमुख का राष्ट्र को संबोधन

हिंसा और अस्थिरता को देखते हुए नेपाल आर्मी चीफ ने मंगलवार को राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने नागरिकों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की। सेना ने संकेत दिए हैं कि स्थिति पर नज़र रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर कड़े कदम भी उठाए जा सकते हैं।


बैकग्राउंडर: नेपाल में क्यों भड़का जन-आक्रोश?

नेपाल पिछले कुछ वर्षों से राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक संकट और भ्रष्टाचार की गहरी मार झेल रहा है।

  • भ्रष्टाचार के आरोप: सरकार और नेताओं पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं।
  • आर्थिक दबाव: महंगाई, बेरोजगारी और कमजोर अर्थव्यवस्था ने आम जनता को परेशान कर रखा है।
  • सोशल मीडिया बैन: हाल ही में सरकार ने बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे आवाज़ उठाने का मुख्य मंच छिन गया। यही कदम विरोध प्रदर्शनों की चिंगारी बना।
  • युवाओं का मानना है कि उनकी आवाज़ दबाने और अभिव्यक्ति की आज़ादी छीनने की कोशिश की जा रही है।

भारत की नज़र नेपाल पर

नेपाल में जारी हिंसा और राजनीतिक संकट पर भारत भी पैनी नजर रखे हुए है। भारत-नेपाल की खुली सीमा और गहरे सांस्कृतिक संबंधों के कारण यहां की स्थिति का असर सीधे भारत पर भी पड़ सकता है।

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