नई दिल्ली, 29 सितंबर
नई दिल्ली के भारत मंडपम में चल रहे वर्ल्ड फ़ूड इंडिया 2025 मेले में हॉल नंबर 14 के निफ्टम-के पवेलियन में इस बार कुछ ऐसा पेश हुआ जिसने हर किसी का ध्यान खींच लिया—ऊंटनी के दूध से बना डिस्किट। यह अनोखा उत्पाद निफ्टम-के (NIFTEM-K), कुंडली, सोनीपत के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है और इसे शुगर यानी डायबिटीज़ के मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं माना जा रहा।
क्यों खास है ऊंट का दूध
वैज्ञानिकों का कहना है कि ऊंट का दूध अपने आप में औषधीय गुणों से भरपूर होता है और शुगर के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। आम तौर पर ऊंट का दूध जल्दी खराब हो जाता है और उबालने से उसकी पोषकता घट जाती है। यहीं से निफ्टम-के की रिसर्च टीम को एक अनोखा विचार आया—इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखने के साथ स्वादिष्ट रूप देना।
हाई-प्रेशर से बना ‘डिस्किट’
शोधकर्ताओं ने बीकानेर से ऊंट का दूध मंगाया और हाई-प्रेशर नॉन-थर्मल प्रोसेसिंग की आधुनिक तकनीक अपनाई। इससे माइक्रोब्स नष्ट हो गए और दूध की शेल्फ लाइफ बढ़ गई। फिर दूध को पाउडर में बदलकर खास कम्प्रेशन तकनीक से बेकिंग के बिना ही बिस्किट जैसे गोल आकार का “डिस्किट” तैयार किया गया। यह दो स्वादों—इलायची और वनीला—में उपलब्ध है।
पोषण से भरपूर
हर 20 ग्राम के डिस्किट में करीब 20% प्रोटीन, 19.3% फैट और लगभग 48% कार्बोहाइड्रेट हैं, जो शुगर मरीजों के लिए संतुलित और ऊर्जादायक स्नैक का विकल्प बनाता है। 20 ग्राम प्रोटीन दूध पर आधारित है जिसकी बायोलॉजिकल उपलब्धता आम प्रोटीन से अधिक है। लगभग 100 ग्राम डिस्किट का एक पैकेट लगभग 1 यूनिट इंसुलिन के बराबर ओरल उपलब्धता प्रदान कर सकता है।
शोध जिसने दिल जीता
निफ्टम-के के निदेशक डॉ. हरिंदर ओबरॉय ने बताया कि संस्थान इस तरह के अनेक शोध कर रहा है। एसोसिएट प्रोफेसर अंकुर ओझा की देखरेख में तैयार यह प्रोजेक्ट शुगर के मरीजों के लिए सुरक्षित और उपयोगी विकल्प है।
