पाकिस्तान–सऊदी अरब का ऐतिहासिक रक्षा समझौता, भारत-इज़रायल में बढ़ी चिंता!

इस्लामाबाद:
पाकिस्तान और सऊदी अरब ने ऐसा रक्षा समझौता किया है जिसने अंतरराष्ट्रीय हलकों में हलचल मचा दी है। इस ऐतिहासिक समझौते के तहत किसी एक देश पर हमला, दोनों पर हमला माना जाएगा। पाकिस्तान जहाँ दुनिया का इकलौता मुस्लिम परमाणु शक्ति संपन्न देश है, वहीं सऊदी अरब दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक। ऐसे में इस गठजोड़ को भारत और इज़रायल के लिए संभावित चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।

पाकिस्तान का बयान: “किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं”

अंतरराष्ट्रीय चर्चाओं के बीच पाकिस्तान ने सफाई देते हुए कहा कि यह समझौता पूरी तरह से रक्षात्मक सहयोग को मजबूत करने के लिए है। शुक्रवार को मीडिया ब्रीफिंग में पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता राजदूत शफकत अली खान ने स्पष्ट किया कि यह करार किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं है। उन्होंने भारत और इज़रायल का नाम लिए बिना कहा कि “यह समझौता हमारी द्विपक्षीय साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प है।”

क़तर पर हमले की पृष्ठभूमि

जानकारी के मुताबिक़, यह समझौता हाल ही में क़तर पर इज़रायल के हमले के बाद औपचारिक रूप से हुआ, हालांकि इसकी बातचीत पहले से चल रही थी। इस करार को लेकर दोनों देशों के नेतृत्व ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने का संकल्प जताया है।


पाकिस्तान-सऊदी का यह नया रक्षा गठबंधन मध्य पूर्व की भू-राजनीति में बड़ा मोड़ ला सकता है और वैश्विक सुरक्षा समीकरणों पर गहरा असर डालने की क्षमता रखता है।

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