अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीज़ा आवेदनों पर एक लाख डॉलर का वार्षिक शुल्क लगाने की चौंकाने वाली घोषणा के बाद, भारतीय तकनीकी पेशेवरों और प्रवासी समुदाय में सनसनी फैल गई है।
इस अचानक उठे तूफ़ान के बीच, वॉशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए भारतीय नागरिकों की मदद के लिए आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया है।
24×7 आपात सहायता
दूतावास ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि किसी भी तात्कालिक मदद के लिए भारतीय नागरिक +1-202-550-9931 पर कॉल या व्हाट्सएप कर सकते हैं। दूतावास ने साफ चेतावनी दी है कि यह नंबर सिर्फ़ तत्काल संकट की स्थिति के लिए है, न कि सामान्य पूछताछ के लिए।
🇮🇳 भारत सरकार का त्वरित ऐक्शन
नई दिल्ली ने अपनी सभी संस्थाओं और केंद्रों को आदेश दिया है कि वे अगले 24 घंटों में अमेरिका से लौट रहे भारतीयों को हरसंभव सहायता प्रदान करें। यह निर्देश प्रवासी भारतीयों के लिए राहत का संकेत है और बताता है कि भारत अपने नागरिकों को अकेला नहीं छोड़ेगा।
गहरी चिंता का बादल
अमेरिकी प्रशासन ने भले स्पष्ट किया हो कि यह शुल्क सिर्फ नए आवेदनों पर लागू होगा, मौजूदा धारकों या नवीनीकरण करने वालों पर नहीं, लेकिन फिर भी इसका असर व्यापक है।
क्योंकि सभी एच-1बी वीज़ाओं में लगभग 71% भारतीयों को दिए जाते हैं, इस कदम से भारत-अमेरिका टेक इंडस्ट्री और रेमिटेंस फ्लो पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है।
यह घटनाक्रम सिर्फ़ वीज़ा नीति नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय नौकरियों और अर्थव्यवस्था के समीकरण में भूचाल लाने वाला है। भारतीय दूतावास की आपात कार्रवाई प्रवासी भारतीयों के लिए संकट की इस घड़ी में उम्मीद की किरण साबित हो रही है।
