पटना हाई कोर्ट ने बहुचर्चित 90 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व विधायक गुलाब यादव को जमानत दे दी है। न्यायाधीश चंद्रशेखर झा की एकलपीठ ने शुक्रवार को यह आदेश सुनाया, जिससे लंबे समय से न्यायिक हिरासत में रह रहे यादव के लिए यह एक बड़ा राहतभरा मोड़ साबित हुआ।
अदालत की दलील
न्यायालय ने माना कि इस मामले की सुनवाई में लंबा वक्त लग सकता है, और किसी को अनिश्चित काल तक हिरासत में रखना उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा। इसलिए गुलाब यादव को निजी मुचलके पर रिहा करने का निर्देश दिया गया।
केस की पृष्ठभूमि
- गिरफ्तारी: गुलाब यादव 19 अक्टूबर 2024 से न्यायिक हिरासत में थे।
- आरोप: सरकारी फंड के दुरुपयोग और ठेकों में हेरफेर कर अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप।
- ईडी का दावा: यादव और उनके परिवार के खातों में करोड़ों रुपये की संदिग्ध नकद जमा और पुणे स्थित सीएनजी स्टेशन समेत कई संपत्तियों में निवेश।
बचाव पक्ष की दलील
यादव की ओर से अधिवक्ता सुरज समदर्शी ने बताया कि जिन मामलों के आधार पर ईडी ने यह केस दर्ज किया था, उनमें से एक—रूपसपुर थाना कांड संख्या 18/2023—को हाई कोर्ट पहले ही रद्द कर चुका है, इसलिए हिरासत जारी रखना अनुचित है।
नतीजा
पटना हाई कोर्ट का यह फैसला न केवल गुलाब यादव के लिए बड़ी जीत है, बल्कि बिहार की सियासत में भी हलचल पैदा कर सकता है। अब देखना होगा कि ईडी इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है और आने वाली सुनवाईयों में कौन से नए मोड़ सामने आते हैं।
