युद्ध की आग में एक संक्षिप्त राहत
इस्राइली सेना ने घोषणा की है कि 48 घंटों के लिए एक अतिरिक्त मार्ग खोला जाएगा, ताकि फ़िलिस्तीनी नागरिक गाज़ा शहर से निकल सकें। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब इस्राइल ने शहर को नागरिकों से खाली कराने और हज़ारों हमास लड़ाकों को निशाना बनाने के अपने अभियान को और तेज़ कर दिया है।
मौत का साया और भय का आलम
गाज़ा शहर में अब भी लाखों लोग फंसे हैं। कई नागरिक इस्राइल के दक्षिण की ओर जाने के आदेशों का पालन नहीं कर रहे, क्योंकि रास्ते में घातक हमलों, विकट परिस्थितियों, भोजन की कमी और स्थायी विस्थापन के डर ने उनके कदम रोक दिए हैं।
स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि कल गाज़ा पट्टी में इस्राइली हमलों और गोलीबारी में कम से कम 63 लोग मारे गए, जिनमें ज़्यादातर गाज़ा शहर में थे। दो साल से जारी इस युद्ध में फ़िलिस्तीनियों की मौत का आंकड़ा 65 हज़ार पार कर चुका है।
अगले दो दिन—आशा या और भय?
48 घंटे का यह सीमित अवसर गाज़ा के नागरिकों के लिए जीवन और मृत्यु के बीच का रास्ता बन सकता है।
लेकिन सवाल वही है: क्या यह मानवीय राहत का संकेत है या युद्ध के अगले अध्याय की तैयारी?
