नई दिल्ली में आयोजित नक्सल मुक्त भारत के समापन सत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश की आंतरिक सुरक्षा पर ऐतिहासिक उपलब्धि का भरोसा जताया। उन्होंने घोषणा की कि अगले वर्ष 31 मार्च 2026 तक भारत से वामपंथी उग्रवाद पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।
अमित शाह ने बताया कि 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता संभालने के समय देश तीन बड़े आंतरिक सुरक्षा संकटों—जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद कॉरिडोर—से जूझ रहा था। लेकिन सरकार ने एक दीर्घकालिक और सटीक रणनीति अपनाई, जिसके परिणाम अब स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं।
पूर्वोत्तर राज्यों में हालात में बड़ा बदलाव आया है। 2004 से 2014 के दशक की तुलना में 2014 से 2024 के बीच सुरक्षाबलों की शहादतों में 70% की कमी आई है। यह आंकड़ा बताता है कि सरकार की नीतियां और सुरक्षा बलों की मेहनत कितनी कारगर रही हैं।
गृह मंत्री का यह ऐलान देश की उस बड़ी सफलता का संकेत है, जिसमें दशकों से जारी नक्सली हिंसा अब अपने अंतिम चरण में है। यह उपलब्धि न केवल सुरक्षा बलों के साहस का प्रमाण है, बल्कि केंद्र सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति और योजनाबद्ध कार्रवाई का भी परिणाम है।
