नई दिल्ली, 23 अप्रैल
भारत की कूटनीतिक पहल ने दुनिया को एक मजबूत संदेश दिया है। ब्रिक्स विदेश मंत्रियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट कार्रवाई का आह्वान किया। खास बात यह रही कि यह बैठक भारत की अध्यक्षता में आयोजित हुई, क्योंकि भारत वर्ष 2026 में ब्रिक्स का अध्यक्ष बनने जा रहा है।
आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के मौके पर हुई वार्षिक बैठक में जारी संयुक्त मीडिया वक्तव्य में मंत्रियों ने कहा कि आतंकवाद किसी भी रूप में, किसी भी मकसद से और किसी के द्वारा भी हो, वह आपराधिक और पूरी तरह अनुचित है। उन्होंने आतंकवादियों की सीमा पार आवाजाही, वित्तपोषण और सुरक्षित पनाहगाहों पर रोक की जरूरत पर बल दिया और यह दोहराया कि आतंकवाद को किसी धर्म, जातीय समूह या सभ्यता से नहीं जोड़ा जा सकता।
भारत की बढ़ी भूमिका
बैठक की अध्यक्षता कर रहे भारतीय प्रतिनिधियों ने वैश्विक समुदाय को याद दिलाया कि आतंकवादियों और उनके समर्थकों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के अनुसार सख्त जवाबदेही का सामना करना होगा। ब्रिक्स ने संयुक्त राष्ट्र के तहत अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन को जल्द अंतिम रूप देने का आह्वान किया और यूएन द्वारा नामित सभी आतंकवादियों और संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की।
व्यापार संरक्षणवाद पर भी चिंता
बैठक में मंत्रियों ने टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं में अंधाधुंध वृद्धि और संरक्षणवादी नीतियों पर भी गहरी चिंता जताई। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे कदम वैश्विक व्यापार को नुकसान पहुँचाकर ग्लोबल साउथ को हाशिए पर डाल सकते हैं।
भारत के लिए गौरव
भारत की अध्यक्षता में यह बैठक न केवल आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता का प्रतीक बनी, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की नेतृत्व क्षमता और कूटनीतिक प्रभाव को भी उजागर करती है। ब्रिक्स की यह सख्त चेतावनी भारत की उस रणनीति का प्रमाण है, जो आतंकवाद के खिलाफ पूरे विश्व को एक मंच पर लाने की दिशा में निरंतर सफल कदम बढ़ा रही है।
