लद्दाख हिंसा के बाद हालात और गरमा गए हैं। क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की मुश्किलें अब आसमान छूने लगी हैं। पहले सीबीआई की जांच और अब खबर है कि ईडी (ED) भी मैदान में उतरने को तैयार है।
FCRA लाइसेंस रद्द – बड़ा झटका
सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए वांगचुक की NGO का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया है। अधिकारियों के मुताबिक, संगठन पर विदेशी चंदे के गलत इस्तेमाल और रिपोर्टिंग में अनियमितताओं का आरोप है। सरकार ने दो टूक कहा—“किसी को भी देश की कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की इजाज़त नहीं दी जाएगी।”
ईडी की तैयारी, केस दर्ज़ होने की आहट
सूत्रों के मुताबिक, अब ईडी फेमा (FEMA) के तहत केस दर्ज कर सकती है। यानी वांगचुक के लिए मुश्किलों का अगला दौर और भी सख्त होने वाला है।
LG का बड़ा खुलासा: “सुनियोजित साजिश”
लेह के लेफ्टिनेंट गवर्नर कविंदर गुप्ता ने न्यूज18 इंडिया से बात करते हुए सनसनीखेज दावा किया। उन्होंने कहा, “यह कोई अचानक हुई हिंसा नहीं थी, बल्कि लद्दाख को जलाने की सुनियोजित साजिश थी।” LG के मुताबिक, इस साजिश में एक राजनीतिक पार्टी और बाहरी लोग शामिल थे। हिंसा में नेपाल के 7 लोग घायल हुए, जिससे विदेशी हाथ होने का शक और गहरा हो गया है।
“जेल में होना युवाओं को जगाएगा” – वांगचुक का बयान
सोनम वांगचुक ने भी तीखा बयान दिया, “मेरा जेल में होना शायद युवाओं को और जगाएगा।” सरकार इसे छुपी धमकी मान रही है।
लेह में सख्ती, साजिश का पर्दाफाश
हिंसा के बाद स्कूलों में दो दिन की छुट्टी कर दी गई है। LG गुप्ता का कहना है, “किसने विदेश जाकर पैसा जुटाया, हमें सब जानकारी है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
निष्कर्ष
सीबीआई के बाद अब ED की एंट्री से साफ है कि सोनम वांगचुक पर कानूनी शिकंजा लगातार कस रहा है। केंद्र सरकार के सख्त रुख ने यह संकेत दे दिया है—साजिश करने वालों का हिसाब अब हर हाल में होगा, चाहे नाम कितना भी बड़ा क्यों न हो!
