नई दिल्ली। देश में कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता अब डर में बदल रही है। एनसीआरबी (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) की ताज़ा रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि 2023 में अपराधों की रफ़्तार ने पिछले चार दशक का रिकॉर्ड तोड़ दिया। 1981 के बाद (2020 को छोड़कर) यह साल सबसे अपराधग्रस्त साबित हुआ है।
चौंकाने वाले आँकड़े
- कुल दर्ज मामले: 2023 में 62,41,569 केस दर्ज हुए—जो 2022 के मुकाबले 7.2% अधिक हैं।
- साइबर अपराध: सबसे बड़ा खतरा! 2022 के मुकाबले 31% से ज्यादा उछाल।
- महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार: लगातार बढ़ती घटनाएं, सुरक्षा पर बड़ा सवाल।
- किडनैपिंग, एक्सीडेंट, हिट-एंड-रन: रोज़मर्रा की ज़िंदगी को असुरक्षित करने वाले मामलों में तेज़ बढ़ोतरी।
हालांकि हत्या और भ्रष्टाचार के मामलों में कुछ गिरावट आई, लेकिन साइबर फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटॉर्शन और एक्सटॉर्शन जैसे नए अपराधों ने लोगों की नींद उड़ा दी है।
राजधानी बनी हॉटस्पॉट
दिल्ली एक बार फिर सबसे अपराधग्रस्त शहर के रूप में सामने आई है, जहाँ अपराध की परतें राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती हैं।
आम नागरिकों के लिए चेतावनी
ये आँकड़े सिर्फ नंबर नहीं, बल्कि एक डरावनी हकीकत हैं। चाहे घर हो, सड़क हो या डिजिटल दुनिया—हर जगह खतरा मंडरा रहा है।
- अपनी डिजिटल जानकारी को सुरक्षित रखें।
- रात में सफर के दौरान सतर्क रहें।
- संदिग्ध ऑनलाइन संदेश या कॉल पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।
2023 के ये आंकड़े साफ़ कहते हैं—सावधानी ही सुरक्षा है, वरना अगली घटना आपके दरवाज़े पर दस्तक दे सकती है।
